This Hindi Podcast brings to you in-depth conversations on politics, public policy, technology, philosophy and pretty much everything that is interesting. Presented by tech entrepreneur Saurabh Chandra, public policy researcher Pranay Kotasthane, and writer-cartoonist Khyati Pathak, the show features conversations with experts in a casual yet thoughtful manner. जब महफ़िल ख़त्म होते-होते दरवाज़े के बाहर, एक पुलिया के ऊपर, हम दुनिया भर की जटिल समस्याओं को हल करने में लग जाते हैं, तो हो जाती है ...
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क्या आप तर्कहीन हैं? Should policymakers assume humans are irrational?
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नीतियां बनाते वक़्त, ये समझना ज़रूरी होता है कि लोग कैसे सोचते हैं और कैसे अपना व्यवहार तय करते हैं, तभी कामयाब और फायदेमंद नीतियां बन पाएंगी। लेकिन, क्या नीति बनाने वाले ये मान लें कि लोग अक्सर अतार्किक फैसले लेते हैं या ये कि लोग ज़्यादातर विवेकशील होते हैं? आखिर, ऐसी मान्यताओं के आधार पर कैसी नीतियां बनेंगी? आइये, करते हैं आज इसी पर चर्चा। In the …
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भारत की बदलती जनसंरचना। India’s Demography Decoded ft. Shivakumar Jolad
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क्या आपको पता है कि विश्व युद्ध और भारत के बंटवारे के बाद भी दशकीय जनगणना समय पर की गयी थी, जब की हालिया दशकीय जनगणना करने में देरी हो चुकी है। इससे शासन प्रणाली पर काफ़ी असर पड़ेगा क्योंकि हर एक जिल्ले में कितनी सरकारी सुविधा प्रदान की जाये ये जनगणना के हिसाब से निश्चित किया जाता है। जनगणना और जनसंरचना याने कि डेमोग्राफी एक दिलचस्प विषय है जिसको गहर…
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भारतीय शहरों के लिए एक मॉडेल शहर। Singapore Safarnaama
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अक्सर हमारे नेता भारतीय शहरों को सिंगापुर जैसा बनाने का सपना रखते है। क्या है जो हमारे शहर सिंगापुर से सीख सकते हैं? इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर सुनिए सिंगापुर यात्रा से प्रणय के अवलोकन। इस सफ़रनामा में बात खुले व्यापार से लेकर स्ट्रीट लाइट्स तक। सुनियेगा ज़रूर। Singapore is often seen as a model for development for Indian cities. This week, Pranay shares…
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एक न्यायपूर्ण समाज कैसे बनाएं? Rawls v/s Nozick Debate
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क्या आपने कभी सोचा है कि एक न्यायपूर्ण समाज कैसा दिखता है? आज हम न्यायपूर्ण समाज की दो परिकल्पना को समझेंगे, जॉन रॉल्स और रोबर्ट नोज़िक के दृष्टिकोण से। जॉन रॉल्स करते हैं समानता की पैरवी, जब के नोज़िक रखते हैं स्वतंत्रता का पक्ष। इस पुलियाबाज़ी में हम दोनों पक्षों के तर्क को समझने की कोशिश करेंगे। क्या इसमें कोई समाधान की आशा है? वो तो आप ही सुनिए, …
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फैक्ट्री बनाने के दुखड़े। How Poor Building Standards Hurt Indian Firms ft. Bhuvana Anand and Sargun Kaur
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भारत में भवन निर्माण कोड तो कई है, पर क्या वे सभी तर्कसंगत और व्यावहारिक है? समय के साथ जड़ हो गए बिल्डिंग कोड से भारतीय कंपनियों का कितना नुकसान हो रहा है? क्या है इसके दीर्घकालिक परिणाम? आज इस विषय को गहराई से समझेंगे भुवना आनंद और सरगुन कौर के साथ जिन्होंने स्टेट ऑफ़ रेगुलेशन रिपोर्ट में भारतीय फैक्ट्रियों के बिल्डिंग कोड का गहराई से अध्ययन किया ह…
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भारत के विकास की चाबी। Accelerating India’s Development with Karthik Muralidharan
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हम सभी जानते है कि भारत की राज्य क्षमता यानी की state capacity सीमित है। इसका असर आम भारतीयों के जीवन पर भी होता है। प्राथमिक शिक्षा का उदाहरण लें तो यदि हम यथास्थिति बनाए रखते हैं, तो 2047 तक, हमारे पास अन्य 20 करोड़ बच्चे होंगे जो बुनियादी साक्षरता के बिना प्राथमिक शिक्षा पूरी करेंगे। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि राज्य की क्षमता कैसे बढ़ाई जाए? सरकार…
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बेंगलुरु निवासियों का कारे मेघा आलाप। Bengaluru water crisis through Wicksellian Connection framework
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इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर हमारे दो बेंगलुरु निवासी होस्ट ‘कारे मेघा, कारे मेघा’ का आलाप लगाते पाए गए। पानी कब बरसेगा ये तो पता नहीं, पर इस पानी की समस्या में छिपे कुछ पब्लिक पॉलिसी के पाठ प्रणय ने ख़ोज निकाले। जब किसी संसाधन की कमी हो तो उसकी सही कीमत लगाने से उसका सही उपयोग निश्चित किया जा सकता है, ये तो पुलियाबाज़ी के श्रोता जानते ही होंगे। आज की पुलि…
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स्वतंत्र पार्टी की पहेली। Swatantra Party in Independent India ft. Aditya Balasubramanian
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आज़ादी के बाद भारत में जो राजनीतिक पार्टियां उभर कर आ रही थी उसमें से एक थी राजाजी द्वारा स्थापित स्वतंत्र पार्टी। उनकी कोशिश थी की आज़ादी के बाद के भारत में कांग्रेस की योजनाबद्ध व्यवस्था के सामने स्वतंत्र आर्थिक नीति के समर्थन में एक प्रतिपक्ष रखा जाये। क्या थी इस स्वतंत्र पार्टी की विचारधारा और उसकी राजनीति? जिस समय देश में समाजवादी विचारधारा का प…
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अमरीकी मैन्युफैक्चरिंग जगत का सफ़रनामा। US Travelogue - Trade Exhibitions, Saving Art, and Unisex Toilets
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हाल ही में सौरभ अपने काम को लेकर अमरीका जाकर आए। तीन अलग अलग शहर एटलांटा, डेट्रॉइट और पालो आल्टो की मुलाकात ली। तो आइये जानते है कि अमेरिका में व्यापार प्रदर्शन कैसे होते है? कौन बचा सकता है एक दिवालिया शहर की कलाकृतियों को? और ऐसे कई अनोखे अवलोकन सौरभ के पिटारे से। This week, we get a peek into the world of manufacturing in the US as Saurabh share…
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भारत-अमरीका दोस्ती में आशंकाएँ क्यों? Apprehensions in India-US Relations ft. Yusuf Unjhawala
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ऐतिहासिक रूप से भारत-अमेरिका संबंध "कभी हां कभी ना" जैसा रहा है। हाल के वर्षों में बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य के साथ इसमें बदलाव आया है, लेकिन कुछ कारणवश हम आज भी अमरीका को थोड़ा संदेह के साथ देखते है। भारत-अमरीका संबंधों के विरुद्ध जो तर्क दिए जाते हैं उनमें कितना दम है? अमेरिका के साथ घनिष्ठ साझेदारी बनाने में भारत को क्या आर्थिक और तकनीकी लाभ होग…
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एक चुनाव की अनेक दिक्कतें। One Election, Many Problems
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हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा बिठाई गयी उच्च स्तरीय समिति ने भारत में समकालिक चुनाव पर अपनी रिपोर्ट पेश की। सरकार एक देश एक चुनाव को लेकर काफ़ी संजीदा है। तो क्या है इस समिति के सुझाव? क्या इनसे समस्या सुलझेगी या और उलझेगी? इसी बात पर सुनिए आज की पुलियाबाज़ी। This week on Puliyabaazi, we discuss the High Level Committee Report on simultaneous electi…
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सड़कों को सुरक्षित और सुगम कैसे बनाएं? Improving Road Safety ft. Rahul Goel, IIT-Delhi
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भारत में ट्रैफिक की समस्या से तो हम सभी जूझते है, तो क्यों न इसी विषय पर आज एक विशेषज्ञ से बात की जाए? आज हमारे मेहमान हैं IIT-Delhi से जुड़े असिस्टेंट प्रोफ़ेसर राहुल गोयल जो भारतीय रास्तों को सुरक्षित बनाने के विषय पर संशोधन करते हैं। तो आइये जानते हैं उनसे ही कि क्या कारक है जो हमारे रास्तों को असुरक्षित बनाते हैं और उन्हें कैसे ठीक किया जाए। Our …
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हमारा गणतंत्र। We, the Citizens
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कहते है न कि पब्लिक पॉलिसी में अक्सर पब्लिक ही गायब रहती है। इसलिए हमारी कोशिश रहती है कि किसी तरह लोगों की लोकनीति में रुचि बढ़ाई जाए । पुलियाबाज़ी भी उसी दिशा में एक कदम है। अब इस श्रृंखला में एक और कड़ी जुड़ चुकी है—ख्याति, प्रणय और अनुपम की नयी किताब ‘We, the Citizens’ जो लोकनीति के मुश्किल पाठ चित्रों के द्वारा आसान भाषा में सीखाने की कोशिश करती…
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डिजिटल इंडिया का भविष्य कैसा है? India’s Digital Future ft. Nikhil Pahwa
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ये DPI क्या होता है? टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में क्या नीतियाँ उभर कर आ रही है? इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर भारत की टेक्नोलॉजी पॉलिसी में एक डुबकी टेक पॉलिसी विशेषज्ञ निखिल पाहवा के साथ। What constitutes Digital Public Infrastructure? How is the policy framework shaping up around DPI? What are the concerns for us as citizens as more and more things in our …
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यूरोपीय किसान भी कर रहे चक्का जाम। Why are european farmers protesting?
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किसान आंदोलन सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है। हाल ही में यूरोप भर के किसान भी अलग अलग मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है। ऐसा क्यों? क्या है उनकी मांगे? क्या है जो खेती को दुसरे व्यव्यवसायों से अलग बनाता है? Farmers protest is not a phenomenon limited to India. Recently, farmers all across Europe have been protesting for various reasons? What are the p…
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भारतीय मतदाता को कैसे समझें? Understanding the Indian Voter ft. Rahul Verma
1:13:20
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As election season arrives in India, we thought this was a good time to revisit our conversation about understanding the Indian voter. Listen in to this week’s Puliyabaazi as Rahul Verma, Fellow at Centre for Policy Research, joins us to discuss the changing trends in Indian elections. क्या भारतीय वोटर आर्थिक मुद्दे पर बटा है? क्या भारत में राजनैति…
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स्टार्ट-अप करें तो कैसे? How to Start-Up ft. Saurabh Chandra
57:40
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This week on Puliyabaazi, listen in as Saurabh Chandra shares his words of advice about start-ups and entrepreneurship. How to evaluate your start-up idea? What are the ways to raise funding? When not to start-up? Listen in, and if you have any questions, do send them to us! ये स्टार्ट-अप क्या होता है? अपने स्टार्ट-अप आईडिया को कैसे परखा जाए, फंडिं…
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