Artwork

Контент предоставлен Vivek Agarwal. Весь контент подкастов, включая эпизоды, графику и описания подкастов, загружается и предоставляется непосредственно компанией Vivek Agarwal или ее партнером по платформе подкастов. Если вы считаете, что кто-то использует вашу работу, защищенную авторским правом, без вашего разрешения, вы можете выполнить процедуру, описанную здесь https://ru.player.fm/legal.
Player FM - приложение для подкастов
Работайте офлайн с приложением Player FM !

ज़रा याद करो कुर्बानी (Zara Yaad Karo Kurbani)

5:34
 
Поделиться
 

Manage episode 336682686 series 3337254
Контент предоставлен Vivek Agarwal. Весь контент подкастов, включая эпизоды, графику и описания подкастов, загружается и предоставляется непосредственно компанией Vivek Agarwal или ее партнером по платформе подкастов. Если вы считаете, что кто-то использует вашу работу, защищенную авторским правом, без вашего разрешения, вы можете выполнить процедуру, описанную здесь https://ru.player.fm/legal.

बचपन से खूब सुनी हैं, दादी नानी से कहानी।

जादुई परियों के किस्से, और सुन्दर राजा रानी।

कथा मैं उनकी सुनाता, जो देश के हैं बलिदानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

आज़ाद हवा में साँसे, खुल कर हम सब ले पाये।

क्यूँकि कुछ लोग थे ऐसे, जो अपनी जान लुटाये।

उन सब की बात करूँ मैं, नहीं जिनका बना है सानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

सन सत्तावन में देखी, आज़ादी की पहली लड़ाई।

सबसे आगे जो निकली, नाम था लक्ष्मीबाई।

नारी नहीं थी अबला, वो थी झांसी की रानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

संख्या में बहुत बड़ी पर, गोरों की पलटन भागी।

नेताजी की सेना ने, गोली पर गोली दागी।

आज़ाद हिन्द सेना से, बुनियाद हिली बिरतानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

आज़ाद लड़े आखिर तक, जब दिशा घिर गयीं सारी।

जब अंतिम गोली बची तब, खुद के मस्तक में मारी।

प्रयागराज में अब भी, उनकी है सजी निशानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

लाला लाजपत जी ने, लाठी खायी थी सर पर।

माटी का जो कर्ज़ा था, सारा वो चुकाया मर कर।

सबसे आगे वो खड़े थे, सुन लो मेरी बयानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

वीर भगत बचपन से, आज़ादी के दीवाने।

फाँसी का फंदा चूमा, गये हँसते मस्ताने।

सोचो उनके बारे में, तो होती है हैरानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

जलियाँ बाग़ में कितने, लोगों ने गोली खायी।

जब लाखों घर उजड़े तब, हमने आज़ादी पायी।

कभी न पड़ने पाये, उनकी ये याद पुरानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

सावरकर के लेखों से, अंग्रेज़ थे इतना डरते।

बात बात पर उनको, गिरफ्तार वो करते।

जब रुका नहीं मतवाला, भेजा फिर काले पानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

कोमाराम ने कहा था, जल जंगल जमीं हमारा।

कितनों को उसने जगाया, देकर जोशीला नारा।

लड़ते लड़ते जां तज दी, फिर उसने भरी जवानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

गांधी नेहरू तो सुने हैं, पर खुदीराम को भूले।

ऐसे कितने ही बहादुर, यौवन में फाँसी झूले।

अंग्रेज़ों को है भगाना, ये दिल में सबने थी ठानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

ये दिन है बड़ा मुक़द्दस, चलो मिल कर गीत ये गाएँ।

भूले बिसरे वीरों को, श्रद्धा से सीस नवाएँ।

है 'अवि' की कामना छोटी, सबको ये कथा सुनानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

स्वरचित

विवेक अग्रवाल 'अवि'

(आदरणीय कवि प्रदीप जी और लता जी की प्रेरणा से लिखी यह कविता लाखों अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने का एक प्रयास है)

--------------------------------------------------

Write to me at HindiPoemsByVivek@Gmail.com

  continue reading

96 эпизодов

Artwork
iconПоделиться
 
Manage episode 336682686 series 3337254
Контент предоставлен Vivek Agarwal. Весь контент подкастов, включая эпизоды, графику и описания подкастов, загружается и предоставляется непосредственно компанией Vivek Agarwal или ее партнером по платформе подкастов. Если вы считаете, что кто-то использует вашу работу, защищенную авторским правом, без вашего разрешения, вы можете выполнить процедуру, описанную здесь https://ru.player.fm/legal.

बचपन से खूब सुनी हैं, दादी नानी से कहानी।

जादुई परियों के किस्से, और सुन्दर राजा रानी।

कथा मैं उनकी सुनाता, जो देश के हैं बलिदानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

आज़ाद हवा में साँसे, खुल कर हम सब ले पाये।

क्यूँकि कुछ लोग थे ऐसे, जो अपनी जान लुटाये।

उन सब की बात करूँ मैं, नहीं जिनका बना है सानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

सन सत्तावन में देखी, आज़ादी की पहली लड़ाई।

सबसे आगे जो निकली, नाम था लक्ष्मीबाई।

नारी नहीं थी अबला, वो थी झांसी की रानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

संख्या में बहुत बड़ी पर, गोरों की पलटन भागी।

नेताजी की सेना ने, गोली पर गोली दागी।

आज़ाद हिन्द सेना से, बुनियाद हिली बिरतानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

आज़ाद लड़े आखिर तक, जब दिशा घिर गयीं सारी।

जब अंतिम गोली बची तब, खुद के मस्तक में मारी।

प्रयागराज में अब भी, उनकी है सजी निशानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

लाला लाजपत जी ने, लाठी खायी थी सर पर।

माटी का जो कर्ज़ा था, सारा वो चुकाया मर कर।

सबसे आगे वो खड़े थे, सुन लो मेरी बयानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

वीर भगत बचपन से, आज़ादी के दीवाने।

फाँसी का फंदा चूमा, गये हँसते मस्ताने।

सोचो उनके बारे में, तो होती है हैरानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

जलियाँ बाग़ में कितने, लोगों ने गोली खायी।

जब लाखों घर उजड़े तब, हमने आज़ादी पायी।

कभी न पड़ने पाये, उनकी ये याद पुरानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

सावरकर के लेखों से, अंग्रेज़ थे इतना डरते।

बात बात पर उनको, गिरफ्तार वो करते।

जब रुका नहीं मतवाला, भेजा फिर काले पानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

कोमाराम ने कहा था, जल जंगल जमीं हमारा।

कितनों को उसने जगाया, देकर जोशीला नारा।

लड़ते लड़ते जां तज दी, फिर उसने भरी जवानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

गांधी नेहरू तो सुने हैं, पर खुदीराम को भूले।

ऐसे कितने ही बहादुर, यौवन में फाँसी झूले।

अंग्रेज़ों को है भगाना, ये दिल में सबने थी ठानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

ये दिन है बड़ा मुक़द्दस, चलो मिल कर गीत ये गाएँ।

भूले बिसरे वीरों को, श्रद्धा से सीस नवाएँ।

है 'अवि' की कामना छोटी, सबको ये कथा सुनानी।

ना उनको आज भुलाओ, ज़रा याद करो कुर्बानी।

स्वरचित

विवेक अग्रवाल 'अवि'

(आदरणीय कवि प्रदीप जी और लता जी की प्रेरणा से लिखी यह कविता लाखों अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने का एक प्रयास है)

--------------------------------------------------

Write to me at HindiPoemsByVivek@Gmail.com

  continue reading

96 эпизодов

Tüm bölümler

×
 
Loading …

Добро пожаловать в Player FM!

Player FM сканирует Интернет в поисках высококачественных подкастов, чтобы вы могли наслаждаться ими прямо сейчас. Это лучшее приложение для подкастов, которое работает на Android, iPhone и веб-странице. Зарегистрируйтесь, чтобы синхронизировать подписки на разных устройствах.

 

Краткое руководство